Vastra Dhauti kriya

Vastra Dhauti kriya-

विधि -सर्वप्रथम पंजों के बाल बैठ जाइए। अब वस्त्र धौति के लिए (वस्त्र चार अंगुल चौड़ा और 7 मीटर लंबा)
बस्त्र को गीला कर धीरे 2 निगलिए ।आख़िरी सिरे को पकड़े रहिए। पूरा बस्त्र निगल जाने के बाद धीरे2 बाहर निकालिए ।यदि कही वस्त्र अटक जाए या हिचकी आए तब कुछ घूट पानी ले सकते हैं।इस तरह वस्त्र को साबधानी से बाहर निकाल लेंगे ।

साबधानियाँ- कुशल योग शिक्षक के निर्देशन में ही करें।

लाभ- इस क्रिया के अभ्यास से पित्त गैस कफ सर्दी जुकाम जैसे रोग नही होते। निरंतर अभ्यास से पूरी तरह ठीक भी हो जाते हैं ।यह दमा और मदुमेह में भी बहुत लाभकारी है।
पुरानी एलेयर्जी सांस की तकलीफ़ में भी लाभप्रद ।