Surya Bhed Pranayama
Surya Bhed Pranayama- दायें तरफ का नासा छिद्र सूर्य नाड़ी कहलाता है अर्थात सूर्य स्वर।
विधि-
पद्मासन ,सुखासन या वज्रासन अपनी सुविधा अनुसार किसी भी आसन में बैठ जाइए।
बायें हाथ को चिन मुद्रा में रखेंगे। दाहिने हाथ की तर्जनी या अनामिका उंगली से बायें नासा छिद्र को बंद करेंगे ।दाहिने नासा छिद्र से ही साँस को लेना है और छोड़ना है अर्थात रेचक और पूरक दाहिनी तरफ से ही करेंगे।एकाग्रता साँसों पर बनाए रखेंगे।
लाभ-
-यह अभ्यास शरीर के अंदर गर्मी उत्पन्न करता है जिससे जुकाम खाँसी कफ में बहुत लाभप्रद है।
-निम्न रक्तचाप रोगी को लाभ देता है।
-शरीर में खून का संचार तेज करता है।
-दमा व साँस के रोगों में भी लाभप्रद।
-मोटापा कम करता है।
-मन को शांत करता है।