Bhramri Pranayama
Bhramri Pranayama- इस अभ्यास में आवाज़ भौरे की गूँज की तरह होती हैं ।इसे गुंजन क्रिया भी कहते हैं ।आजकल तनाव भरे जीवन को शांत करने के लिए सबसे अच्छा अभ्यास है ।
विधि-पद्मासन ,वज्रासन या सुखासन में बैठ जाइए। मेरूरज्जा अर्थात रीर को सीधा रखेंगे। सर्वप्रथम दोनो हाथों के अंगूठों से कानों को बंद करिए व तर्जनी उंगलियों को माथे पर रखते हुए,मध्यमा व अनामिका उंगलियों से दोनो आँखो को अच्छी तरह बंद कर लीजिए ।अब गहरा साँस लीजिए और म्कार की ध्वनि करते हुए (होठों को बंद रखेंगे) धीरे धीरे छोड़िए 8-10 बार कर सकते हैं ।
लाभ-
-मन को शांत कर आनंद देता है।
-मानसिक तनाव को कम करता है।
-क्रोध को काबू करने में मदद करता है।
-स्मरण शक्ति तेज करता है।
-माइग्रेन को धीरे धीरे नियंत्रित करता है।
-उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
-विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभकारी है।
साबधानियाँ - कान के दर्द ,चक्कर व किसी गंभीर बीमारी के रोगी देख रेख में ही करें।