Kapalbhati Pranayama

Kapalbhati Pranayama

Kapalbhati Pranayama-कपालभाती अर्थात कपाल का अर्थ है माथा व भाती का अर्थ है प्रकाश अथवा ज्योति 
इस प्राणायाम से चहेरे पर चमक आती है और कपाल में ऑक्सिजन का स्तर बड़ता है ।

विधि-पद्मासन ,वज्रासन या सुखासन में बैठ जाइए। मेरूरज्जा अर्थात रीर को सीधा रखेंगे। पेट की मासपेशयों को ढीला रखिए।
अब नाक से साँस को लगातार बाहर की और फेंकिए पेट अंदर की और जाएगा लगातार रेचक क्रिया करेंगे। साँस को लेना नही है अपने आप ही हर स्ट्रोक के बीच में साँस स्वतः ही चली जाती है ।शुरुआत 20-30 स्ट्रोक से करते हुए 5-8 दिन में 100 स्ट्रोक तक कर सकते हैं ।लगातार
अभ्यास के बाद आप 400-500 स्ट्रोक ,हर 100 स्ट्रोक में आराम लेते हुए कर सकते हैं।

लाभ-

      -वजन कमकरने के लिए सबसे अधिक लाभप्रद।
      -चहेरे पर चमक लाता है।
      -कब्ज,वायु विकार ,पाचन,एसिडिटी आदि रोगों में चमत्कारिक लाभ।
      -शरीर में अत्यधिक उर्जा का संचार करता है।
      -बड़े हुए कालोस्ट्रॉल को कम करता है।
      -हृदय की मासपेशयों को मजबूत करता है।

साबधानियाँ -
     

        -हृदय रोगी न करें।
        -पेट के अल्सर संबंधित रोगों में न करें।
        -किसी गंभीर रोग के बाद योग प्रशिक्षक की देख रेख में ही करें।
        -हाइ ब्लड प्रेशर के रोगी भी सलहनुसार ही करें।