Agnisara Kriya

Agnisara Kriya-

विधि-

सर्वप्रथम वज्रासन में बैठिए।
घुटनो में दूरी बनाइए।
दोनो हाथों को घुटनों पर रखिए।
सामने की ओर हल्का सा झुकिए।
मूँह खोलते हुए जीभ बाहर निकालिए हाथ कोहनियों से सीधा रखिए।
स्वास व प्रश्वास के साथ पेट का संकुचन करते हुए अंदर बाहर करेंगे।
ठीक जिस तरह कुत्ता हांफता है।
25-30 बार दोहरा सकते हैं।

लाभ-

-शरीर से दूषित वायु अर्थात कार्बोन डाई ऑक्साइड ओ बाहर निकाल शरीर में ऑक्सिजन का स्तर अधिक कर देता है।
-पेट के सभी रोगों में लाभप्रद।
-पेट की चर्वी को कम करता है।
-साँस के रोगों में लाभप्रद।
-शरीर की प्रतिरोधक शक्ति विकसित करता है।