Bhujangasana -भुजंग आसन (Cobra Pose)
भुजंग अर्थात सर्प ,जिस तरह सर्प लचीला होता है ठीक उसी तरह यह आसन हमारे मेरुदण्ड को लचीला बनाता है, इसलिए इसको सर्पासन भी कहते हैं।
विधि-
सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाएँगे पैरो को बिल्कुल मिला लीजिए ,माथा ज़मीन पर लगाइए एवं तलवों को उपर की तरफ रखिए,हाथों को सीने के बराबर हथेलियाँ ज़मीन पर रखिए,अब धीरे से आगे से छाती को पीछे की तरफ उठाइए (सिर्फ़ नाभि तक),द्रश्ति उपर की ओर रखेंगे ।कुछ देर इसी स्थिति में रुकिये शुरू में 5-10 सेकेंड तक रोक सकते हैं । साँस सामान्य रखेंगे।
साँस के साथ अगर करते है तब साँस लेते हुए उठते है और साँस निकालते हुए वापिस आते हैं
सावधानियां- स्लिप डिस्क के रोगी यह आसन न करे।
लाभ –भुजंग आसन के नियमित अभ्यास से कमर की मासपेशियाँ मजबूत होती है ।यह आसन सक्रिय और उर्जावान बनाता है.। मेरूदंड के लिए बहुत लाभकारी है ।तंत्रिका तंत्र को सुचारू बनाये रखने के लिए भी यह आसन बहुत ही ज़रूरी है । फेफड़ों की शुद्धि के लिए भी बहुत अच्छा है।
बालक- बालिकाओं के लिए बहुत लाभदायक है।पाचन तंत्र मजबूत करता है। खाँसी और दमे के रोगिओं को भी लाभ देता है ।शुगर नियंत्रित करता है।पेट की चर्बी को कम करता है। क़ब्ज़ में भी लाभदायक है।