Matsyasana-मत्स्यासन

विधि-

सर्वप्रथम पद्मासन  की स्थिति में आएँगे ।अब धीरे से कोहनियों की सहायता लेते हुए पीछे पीठ के बल लेट जाएँगे ।हाथो की हथेलियों को कानो के पास ज़मीन पर रखते हुए ,गर्दन को पीछे मोरकर सिर को ज़मीन पर टिकाएँगे ,अब हाथों को वापिस लाकर दाएँ हाथ से बायें पैर का अंगूठा और बायें हाथ से दाएँ पैर का अंगूठा थाम लीजिए।

कुछ देर इसी स्थिति में रहिए 5-10 सेकेंड ।
अब धीरे से कोहनियों की सहायता से वापिस आयेंगे और पैरो को खोलते हुए ढीला कर देंगे।

 

साबधानियाँ-गर्दन में मोच आ सकती है ।  घुटना दर्द में नही करना चाहिए। योग शिक्षक की देख रेख में ही करें ।

लाभ-

सीने की मासपेशियों में रक्त संचार तेज करता है। मेरुदण्ड को मजबूत व लचीला बनाता है ।आँखों के लिए बहुत लाभप्रद है।
      थायरॉइड ग्रंथि में बहुत लाभकारी है।