क्या आप दुबलेपन से परेशान है? तो चिंता ना करे वजन बढ़ाये
▶ अक्सर आपने लोगों को वजन घटाने या वजन प्रबंधन के बारे में बात करते हुए सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वजन बढ़ाने की बात करते हैं।दरअसल, वे उस वर्ग के लोग हैं जिन्हे या तो भूख बहुत कम लगती है और उनका वजन कम है या फिर जो लोग जरूरत से ज्यादा पतले हैं वजन बढ़ाने के लिए कई दवाईयां आती हैं लेकिन वजन बढ़ाने के लिए किसी दवाई का प्रयोग न करके बल्कि प्राक़तिक या आयुर्वेदिक प्रणाली का ही इस्तेमाल करना चाहिए-और वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाने से किसी तरह को कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।
▶ आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत मोटे तथा अत्यंत दुबले शरीर वाले व्यक्तियों को निंदित व्यक्तियों की श्रेणी में माना गया है (debility) दुबलापन एक रोग न होकर मिथ्या आहार-विहार एवं असंयम का परिणाम मात्र है।
▶ दुबलापन रोग होने का सबसे प्रमुख कारण मनुष्य के शरीर में स्थित कुछ कीटाणुओं की रासायनिक क्रिया का प्रभाव होना है जिसकी गति थायरायइड ग्रंथि (thyroid gland) पर निर्भर करती हैं यह गले के पास शरीर की गर्मी बढ़ाती है तथा अस्थियों की वृद्धि करने में मदद करती है तथा यह ग्रंथि जिस मनुष्य में जितनी ही अधिक कमजोर और छोटी होगी। वह मनुष्य उतना ही कमजोर और पतला होता है। ठीक इसके विपरीत जिस मनुष्य में यह ग्रंथि स्वस्थ और मोटी होगी। वह मनुष्य उतना ही सबल और मोटा होगा।
▶ देखा जाए तो 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का वजन यदि उसके शरीर और उम्र के अनुपात सामान्य से कम है तो वह दुबला व्यक्ति कहलाता है तथा जो व्यक्ति अधिक दुबला होता है वह किसी भी कार्य को करने में थक जाता है तथा उसके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (resistive capacity) कम हो जाती है ऐसे व्यक्ति को कोई भी रोग जैसे- सांस का रोग, क्षय रोग, हृदय रोग, गुर्दें के रोग, टायफाइड, कैंसर बहुत जल्दी हो जाते हैं ऐसे व्यक्ति को अगर इस प्रकार के रोग होने के लक्षण दिखे तो जल्दी ही इनका उपचार कर लेना चाहिए नहीं तो उसका रोग आसाध्य हो सकता है और उसे ठीक होने में बहुत दिक्कत आ सकती है अधिक दुबली स्त्री गर्भवती होने के समय में कुपोषण (malnutrition) का शिकार हो सकती है।
▶ अत्यंत दुबले व्यक्ति के नितम्ब, पेट और ग्रीवा शुष्क होते हैं तथा अंगुलियों के पर्व मोटे तथा शरीर पर शिराओं का जाल( net of veins ) फैला होता है, जो स्पष्ट दिखता है-शरीर पर ऊपरी त्वचा (upper skin) और अस्थियाँ (bones) ही शेष दिखाई देती हैं।
▶ इसमें अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है- अग्नि के मंद होने से व्यक्ति अल्प मात्रा में भोजन करता है, जिससे आहार रस या ‘रस’ धातु का निर्माण भी अल्प मात्रा में होता है- इस कारण आगे बनने वाले अन्य धातु ( रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्रधातु ) भी पोषणाभाव( denutrition ) से अत्यंत अल्प मात्रा में रह जाते हैं, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति निरंतर कृश से अतिकृश होता जाता है- इसके अतिरिक्त लंघन, अल्प मात्रा में भोजन तथा रूखे अन्नपान का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर की धातुओं का पोषण नहीं होता।
▶ वजन बढ़ाने के लिए सबसे पहले तो आपका फिट रहना जरूरी है यदि आप वजन बढ़ाना चाहते हैं इसका ये अर्थ नहीं कि आप फिजीकली बिल्कुल भी सक्रिय नहीं होंगे- व्यायाम (exercise) करना तब भी जरूरी होगा।
▶ वजन बढ़ाने के लिए सबसे बढि़या उपाय है आप हाई कैलोरी का खाना खाएं उन खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें जिनमें कैलोरी की मात्रा अधिक हो लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि आप जंकफूड (junk food) भारी मात्रा में खाने लगे। बल्कि आपको हेल्दी और हाई कैलोरी भोजन को प्राथमिकता देनी हैं। अगर आप वजन हेल्दी रूप से बढ़ाना चाहते हैं तो आपको सुबह का नाश्ता हेवी करना होगा।
▶ च्यवनप्राश वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधी है और यह लगभग सभी के लिए आमतौर पर भी हेल्दी रहता है इससे न सिर्फ शारीरिक उर्जा बढ़ती है बल्कि मेटाबोलिज्म (metabolism) भी मजबूत रहता है शतावरी कल्पा लेने से न सिर्फ आंखें और मसल्स अच्छी रहती है बल्कि इससे वजन भी बढ़ता है वसंत कुसुमकर रस शरीर को न सिर्फ आंतरिक उर्जा देता है बल्कि वजन को जल्दी बढ़ाने में भी लाभकारी है।
➡ दुबलेपन के अन्य कारण ये है :
• पाचन शक्ति में गड़बड़ी के कारण व्यक्ति अधिक दुबला हो सकता है।
• मानसिक, भावनात्मक तनाव, चिंता की वजह से व्यक्ति दुबला हो सकता है।
• यदि शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाए तो व्यक्ति दुबला हो सकता है।
• चयापचयी क्रिया में गड़बड़ी हो जाने के कारण व्यक्ति दुबला हो सकता है।
• बहुत अधिक या बहुत ही कम व्यायाम करने से भी व्यक्ति दुबला हो सकता है।
• आंतों में टमवोर्म या अन्य प्रकार के कीड़े हो जाने के कारण भी व्यक्ति को दुबलेपन का रोग हो सकता है।
• मधुमेह, क्षय, अनिद्रा, जिगर, पुराने दस्त या कब्ज आदि रोग हो जाने के कारण व्यक्ति को दुबलेपन का रोग हो जाता है-
शरीर में खून की कमी हो जाने के कारण भी दुबलेपन का रोग हो सकता है।
➡ यह जानना जरूरी है कि आपके बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के हिसाब से यह जानने कि कोशिश करें कि आपकी लंबाई और उम्र के हिसाब से आपका वजन कितना होना चाहिए।
इसका फार्मूला ये है :
बीएमआई = वजन ( किलोग्राम) / ( ऊंचाई X ऊंचाई ( मीटर में)
आमतौर पर 18.5 से 24.9 तक बीएमआई आदर्श स्थिति है इसलिए वजन बढ़ाने के क्रम में ध्यान रखें कि आप इसके बीच में ही रहें।
➡ जाने कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय :
• डाइट में कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स की मात्रा बढ़ाएं। अधिक कैलोरी वाली डाइट जैसे रोटियां, रेड मीट, राजमा, सब्जियां, मछली, चिकन, ऑलिव्स और केले जैसे फल आदि की मात्रा बढ़ाएं- दिन में कम से कम पांच बार थोड़ी-थोड़ी डाइट लें।
• नाश्ते में बादाम,दूध,मक्खन घी का पर्याप्त मात्रा में उपयोग करने से आप तंदुरस्त रहेंगे और वजन भी बढेगा।
• भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढाएं तथा दालों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है- अडा,मछली,मीट भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं-बादाम,काजू का नियमित सेवन करें।
• च्यवनप्राश वजन बढाने की और स्वस्थ रहने की मशहूर आयुर्वेदिक औषधि है- सुबह -शाम दूध के साथ सेवन करते रहें।
• आयुर्वेद में अश्वगंधा और सतावरी के उपयोग से वजन बढाने का उल्लेख मिलता है 3-3 ग्राम दोनों रोज सुबह लं का चूर्ण दूध के साथ प्रयोग करें। वसंत कुसुमाकर रस भी काफ़ी असरदार दवा है।
• रोज सुबह 3-4 किलोमीटर घूमने का नियम बनाएं- ताजा हवा भी मिलेगी और आपका मेटाबोलिस्म भी ठीक रहेगा और भोजन खूब अच्छी तरह से चबा चबा कर खाना चाहिये। दांत का काम आंत पर डालना उचित नहीं है। दोनों वक्त शोच निवृत्ति की आदत डालें।
• 50 ग्राम किशमिश रात को पानी में भिगो दे सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं- दो-तीन माह के प्रयोग से वजन बढेगा-किशमिश में अनाज की 99 % कैलोरी पायी जाती है और फाइबर भी बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ये शरीर के फैट को हटा के स्वस्थ कैलोरी में परिवर्तित करता है।
• मलाई-मिल्क क्रीम में आवश्यकता से ज्यादा फैटी एसिड होता है- और ज्यादातर खाद्य उत्पादों की तुलना में अधिक कैलोरी की मात्रा होती है। मिल्क क्रीम को पास्ता और सलाद के साथ खाने से वजन तेजी से बढ़ेगा।
• अखरोट में आवश्यक मोनोअनसेचुरेटेड फैट होता है जो स्वस्थ कैलोरी को उच्च मात्रा में प्रदान करता है। रोज़ 20 ग्राम अखरोट खाने से वजन तेजी से प्राप्त होगा।
• तुरंत वजन बढाना हो तो केला खाइये। रोज़ दो या दो से अधिक केले खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहेगा। केले को दूध में फेट के भी ले सकते है।
• आलू कार्बोहाइड्रेट और काम्प्लेक्स शुगर का अच्छा स्त्रोत है ये ज्यादा खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है।
• नारियल का दूध यह आहार तेलों का समृद्ध स्रोत है और भोजन के लिए अच्छा तथा स्वादिस्ट जायके के लिए जाना जाता है। नारियल के दूध में भोजन पकाने से खाने में कैलोरी बढ़ेगी। जिससे आपके वजन में वृद्धि होगी।
• जो लोग शाकाहारी है और नॉनवेज नहीं खाते उनके लिए बीन्स से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। बीन्स के एक कटोरी में 300 कैलोरी होती है। यह सिर्फ वजन बढ़ने में ही मदद नहीं करता बल्कि पौष्टिक भी होता है।
• मक्खन में सबसे ज्यादा कैलोरी पाई जाती है। मक्खन खाने के स्वाद को सिर्फ बढ़ाता ही नहीं बल्कि वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
• ब्राउन राइस कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की एक स्वस्थ खुराक का स्रोत है। भूरे रंग के चावल कार्बोहाइड्रेट का भंडार है इसलिए नियमित रूप से इसे खाने से वजन तेजी से हासिल होगा।
• काजू स्वस्थ काया पाने का आसान तरीका है काजू के तेल में न केवल वजन बढ़ाने बल्कि काजू रोज़ खाने से आपकी त्वचा कोमल और बाल चमकदार दिखने लगेंगे।
• जैतून के तेल में आवश्यक कैलोरी बहुत बड़ी मात्रा में पाई जाती है और यह हृदय रोग से लड़ने में भी बहुत मदद करता है।
• अश्वगंघा और आंवले को पानी और दूध से लेने से जल्दी असर करता है और वजन प्रबंधन में भी मदद करता है । इसका चूर्ण दूध, घी या शहद से लेने में भी असरकारक है। • द्रकशरिष्ठा को लगातार एक महीने को गर्म और ठंडे पानी में शहद मिलाकर लेने से अच्छा रहता है इन आयुर्वेदिक औषधियों को लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और आप आराम से अपना वजन भी बढा़ सकते हैं।
• मोटापा घटाने एवं बजन कम करने के लिये ये भी आजमा सकते है इस प्रयोग को करने से आप एक माह में पाँच किलो तक बजन कम कर सकते हैं।
• आप 2 चम्मच असली शहद एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पियें दोनो टाइम खाना खाने के आधा घँटे बाद आधा चम्मच पाचक चूर्ण पानी के साथ लें।
इसे आप बनाये इस प्रकार :
छोटी हरड, बहेडा, आँवला, सोंठ, पीपर, कालीमिर्च, कालानमक ये सब 20-20 ग्राम असली हींग दो ग्राम सब कूट पीस कर रख लें पाचक चूर्ण तैयार है ये रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले अवश्य खालें और रात को सोते समय 2 छोटी हरड का चूर्ण थोडे गुनगुने पानी से लें तथा बसा और ज्यादा मिर्च मसाले युक्त भोजन न करें।
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