हाई ब्लड प्रेशर याददाश्त के लिए खतरनाक
-हाई ब्लड प्रेशर से याद्दाश्त़ कमजोर होने लगती है।
-हाई बीपी के दौरान हिप्पोकैंपस में रक्त का संचार में कमी।
-नमक के अधिक सेवन से बढ़ता है हाई ब्लड प्रेशर।
-धूम्रपान और हाई ब्लड प्रेशर एक-दूसरे के बहुत बड़े दुश्मन हैं।
हाई ब्लड प्रेशर अब उम्र का मोहताज नहीं है। अब जवानी में भी यह बीमारी होने लगी है। खानपान की खराब आदतें, मोटापा, असंतुलित जीवनशैली सब मिलकर रक्तचाप जैसी कभी न छूटने वाली बीमारी देते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से दिल, किडनी, लीवर और न जाने किन-किन शरीर के भागों को प्रभावित करती है। लेकिन शायद ही किसी को पता हो कि हाई ब्लड प्रेशर याद्दाश्त़ का भी दुश्मन होता है।
अगर आपको चीजें याद नहीं रहती, और बार-बार भूलने की ये आदत आपके लिए हर जगह शर्मिदगी का कारण बनती है। अगर आप याद्दाश्त़ से जुड़ी ऐसी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने ब्लड प्रेशर की जांच करवानी चाहिए। जर्मनी में हुए शोध के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से याद्दाश्त कमजोर होने लगती है।
हाई ब्लड प्रेशर और याद्दाश्त
हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्त चाप को दिल की बीमारी के लिहाज से खतरनाक बताया जाता है। लेकिन, 40 की उम्र के करीब हाई ब्लड प्रेशर की समस्या याद्दाश्त के लिहाज से भी खतरनाक हो सकती है। हालिया अध्ययनों के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त अधेड़ उम्र के लोगों में डिमेंशिया (याद्दाश्त़ खोना) का खतरा छह गुना तक बढ़ जाता है।
शोध की माने तो
पूर्व में किए गए शोधों में हाई ब्लड प्रेशर को दिल की बीमारियों, मसलन हार्ट अटैक और किडनी खराब होने के लिए जिम्मेदार बताया गया था। अल्जाइमर्स सोसायटी और लंदन के इंपीरियल कालेज के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए संयुक्त अध्ययन में अधेड़ उम्र में होने वाले हाई ब्लड प्रेशर और याद्दाश्त संबंधी समस्याओं के बीच गहरा संबंध पाया गया।
एमआरआई स्कैन के अनुसार
शोधकर्ताओं ने ब्लड प्रेशर के मरीजों के एमआरआई स्कैन के अध्ययन पर बताया कि याद्दाश्त़ से संबंधित मस्तिष्क का हिप्पोकैंपस नामक भाग पर हाई बीपी का प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि हाई बीपी के दौरान हिप्पोकैंपस में रक्त का संचार ठीक प्रकार से ना होने के कारण, कई छोटे-छोटे स्ट्रोक की आशंका अधिक हो जाती है। इस वजह से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को याद्दाश्त से जुड़ी समस्याओं का खतरा अधिक हो जाता
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के उपाय
नमक के अधिक सेवन से बचें
नमक ज्यादा खाने से कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। नमक के अधिक सेवन से खून की नलियों में चर्बी बढ़ जाती है। इससे रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी सतह में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से वे संकरी हो जाती हैं। नतीजा आपका रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसलिए रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नमक का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
वजन कम करें
जिन लोगों का वजन सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक होता है, उनमें हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए अपने वजन को नियंत्रित करें। आपका बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक होता है उन्हें ओवरवेट की श्रेणी में रखा जाता है और जिनका बीएमआई 30 से ज्यादा होता है उन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
धूम्रपान और हाई ब्लड प्रेशर एक-दूसरे के बहुत बड़े दुश्मन हैं, और अगर ये दोनों मिल जाये तो कई तरह के हृदय रोग हो सकता है। सिगरेट में मौजूद तंबाकू रक्त वहनियों को स्थायी रूप से संकुचित करता है, जिससे धमनियों पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसी तरह एल्कोहल का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
कॉफी की जगह हर्बल टी
अधिक मात्रा में कॉफी जैसे कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। इसलिए सामान्य चाय की जगह हर्बल चाय का सेवन करें। गुड़हल का काढ़ा हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद होता है।
पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ
हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए पोटैशियम की मात्रा ज्यादा लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए अपने आहार में सेम, हरी सब्जियों, केला, तरबूज, गाजर, चुकंदर, टमाटर और संतरे जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इन सब खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा कम और पोटेशियम की मात्रा ज्याद होती है। इसके अलावा ऐसा भोजन लेना चाहिए जिनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम फाइबर भरपूर मात्रा में हो।
'द डेली टेलीग्राफ' में छपी खबर के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर से वेस्कुलर डिमेंशिया का खतरा छह गुना तक बढ़ जाता है। गौरतलब है कि वेस्कुलर डिमेंशिया अल्जाइमर्स के बाद डिमेंशिया का दूसरा सबसे प्रचलित स्वरूप है। अल्जाइमर्स सोसाइटी के अनुसार कम नमक खाने, नियमित कसरत करने, धूम्रपान से बचने, वजन को नियंत्रण में रखने और दवाओं के सेवन से ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोका जा सकता है।