गैस बनने वाली परेशानी को दूर करे ये योग आसान

सान हम आपको बताने वाले हैं, उससे आपको गैस तथा एसीडिटी दोनों से राहत मिलेगी। एक बात जिसका आपको खास ख्‍याल रखना है, वह ये कि योगा करने से पहले पानी बिल्‍कुल भी ना पियें। इस योगा से आपके पेट पर गहरा असर पडे़गा। इन नीचे दिये योग आसन को रोजाना सुबह के समय करें, जिससे आपको कभी पेट में गैस की समस्‍या ना झेलनी पडे़

पश्चिमोत्तानासन चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैर को फैलाकर रखें। दोनों पैरों को आपस में परस्पर मिलाकर रखें तथा अपने पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा तान कर रखें। दोनों हाथों को सिर की ओर ऊपर जमीन पर टिकाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए एक झटके के साथ कमर 
हस्तपदासन इसको करने के लिये पहले सीधे खडे़ हों, फिर अपने पैरों को हल्‍का ऊपर उठा कर नीचे आते हुए अपने पांव को छुएं।  

सर्वांग आसन चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद दोनो पैरों को मिलाकर व पूरे शरीर को सीधा तान कर रखें। अब सांस अन्दर लेकर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं। फिर कमर और छाती को भी धीरे धीरे ऊपर उठाएं। अपने हाथों से कमर को पकड़ कर रखें। कुछ देर इसी अवस्‍था में रहें और फिर नीचे आ 

अनुलोम विलोम दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से 4 तक की गिनती में सांस को भरे और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। तत्पश्चात दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें। अब दायीं नासिका से ही सांस को 4 की गिनती तक भरे और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 की गिनती में बाहर निकालें।

सन भूमि पर चटाई बिछा कर चित्त होकर लेट जायें। पूरक करके फेफड़ों में श्वास भर लें। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोड़ दें। दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर ज़मीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वास को रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पूर्ववत् रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें।