जानिए, कैसे वजन को रखें मेंटेन
वजन घटाना इतना मुश्किल नहीं है, जितना घटे हुए वजन को बरकरार रखना। वजन घटाने के ज्यादातर मामलों में वजन लौट आता है। वजन घटाने और मेंटेन करने के बीच तालमेल कैसे बिठाएं, एक्सपर्ट्स की मदद से बता रही हैं प्रियंका सिंह:
वजन कम घटाने वाले 60-70 फीसदी तक लोगों को फिर से वजन लौट आने की शिकायत होती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि वजन घटाना 50 फीसदी जंग जीतना है, तो उसे मेंटेन करना बाकी 50 फीसदी जंग जीतने के बराबर है।
एक्सरसाइजः क्यों लौट आता है वजनः - वजन कम करने और उसे मेंटेन करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले वजन तेजी से घटाने की कोशिश न करें। महीने में 2 किलो (ज्यादा-से-ज्यादा 3 किलो तक) वजन घटाने का टारगेट सही है। अगर बहुत तेजी से वजन घटाएंगे तो उसके लौटकर आने के चांस भी ज्यादा होंगे। वजह यह कि तेजी से वजन कम करने के लिए लोग क्रैश डाइटिंग पर चले जाते हैं। इससे बॉडी का मेटाबॉलिजम कम होता है। फिर जब नॉर्मल डाइट पर लौटते हैं तो मेटाबॉलिजम कम होने की वजह से वजन तेजी से बढ़ जाता है।
- अक्सर लोग डाइटिंग और भारी एक्सरसाइज का सहारा लेकर वजन कम कर लेते हैं, लेकिन लाइफस्टाइल में चेंज नहीं करते। लाइफस्टाइल चेंज से मतलब भूखे रहने के बजाय हेल्दी खाने की आदत डालना, एक्सरसाइज को लाइफ का हिस्सा बनाना और ऐक्टिव लाइफस्टाइल अपनाना है। इसके लिए अपने छोटे-मोटे ज्यादातर काम खुद करने की आदत डालें और चलने-फिरने का बहाना तलाशें।
- डाइटिंग में ज्यादातर लोग फास्ट करने यानी भूखे रहने लगते हैं। ऐसे में फास्ट के बाद फीस्ट यानी दावत उड़ाने से नहीं चूकते। इससे जितनी मेहनत से वजन कम किया था, उतनी ही तेजी से वापस आता है।
- लोग वजन कम करने के बाद एक्सरसाइज या तो बिल्कुल बंद कर देते हैं या फिर बहुत कम कर देते हैं। उन्हें लगता है कि वजन कम हो ही गया, अब एक्सरसाइज की क्या जरूरत। यह सही नहीं है। इससे भी वजन फौरन लौटने लगता है।
घटाते वक्त रखें ध्यानः - जब भी वजन कम करने की शुरूआत करते हैं, शुरू में वजन तेजी से गिरता है। फैट के साथ मसल्स वेट भी गिरता है तो वजन जल्दी कम होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि बॉडी में मसल्स वेट कितना है और फैट कितना। यह जांच बड़े जिम या फिटनेस क्लीनिक में कराई जा सकती है। यह पता लगाना भी जरूरी है कि वर्कआउट से दोनों (मसल्स और फैट वेट) में से क्या गिर रहा है। अगर फैट ज्यादा है तो कार्डियो, स्ट्रेच और लाइट वेट को मिलाकर एक्सरसाइज करें।
- वजन कम करने के दौरान कुल एक्सरसाइज का 60 फीसदी कार्डियो और 40 फीसदी स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज का रखें तो बेहतर है। कभी एक्सरसाइज नहीं की है तो शुरुआत 20 मिनट के ब्रिस्क वॉक से करें। फिर 2 मिनट ब्रिस्क वॉक और 2 मिनट जॉगिंग के साथ करें। इसके बाद 2 मिनट ब्रिस्क वॉक और 3 मिनट जॉगिंग करें। इस तरह धीरे-धीरे आपकी क्षमता बढ़ जाएगी और बॉडी में से फैट कम होने लगेगा। रोजाना कुल 45 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें।
- कार्डियो के साथ मसल्स स्ट्रेंथनिंग भी बहुत जरूरी है। मसल्स को ट्रेंड नहीं कर रहे हैं तो वेट लॉस के साथ-साथ मसल्स लॉस भी होगा। मसल लॉस के साथ मेटाबॉलिजम कम होता है। इससे वजन तेजी से लौट आता है। मसल लॉस को रोकने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे कि डंबल, पुशअप्स, स्क्वैट्स, सूर्य नमस्कार आदि करें।
नोट: एक्सरसाइज के बेहतर रिजल्ट के लिए एक्सपर्ट कंसल्टेंट या ट्रेनर से राय लेना जरूरी क्योंकि हर किसी की बॉडी टाइप अलग है। जैसे हर कपड़ा हर किसी को फिट नहीं बैठता, वैसे ही हर एक्सरसाइज हर किसी को सूट नहीं करती।
मेंटेन करने के लिएः - वजन को लगातार कम करते रहने की कोशिश न करें। ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है। एक टारगेट तय करें कि कितने किलो वजन कम करना है। उस टारगेट को पाने के बाद उसे मेंटेन करने की कोशिश करें। जितना वजन घटाने के बाद है, उसमें 1-2 किलो का उतार चढ़ाव सामान्य है, लेकिन अगर 3 किलो से ज्यादा वजन वापस लौट आए या फिर इंच बढ़ने लगे तो ध्यान देना जरूरी है।
- वजन कम करने के लिए कार्डियो पर जोर दिया जाता है, जबकि मेंटेन करने के लिए स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज बढ़ाएं। इसके लिए स्ट्रेंथनिंग 65 फीसदी और कार्डियो 35 फीसदी का कॉम्बिनेशन रखें। कार्डियो एक्सरसाइज में वे एक्सरसाइज आती हैं, जिनसे दिल की धड़कन बढ़ जाए मसलन अरोबिक्स, जॉगिंग, रनिंग, साइकलिंग, स्वीमिंग, ब्रिस्क वॉक, रस्सी कूदना, जुंबा या दूसरे डांस आदि। स्ट्रेंथनिंग के लिए वेट लिप्टिंग, स्क्वैट्स, पुश-अप्स, सूर्य नमस्कार आदि कर सकते हैं।
- रोजाना एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे तो भी हफ्ते में कम-से-कम 4-5 दिन तो जरूर करें। 30 मिनट की रेग्युलर ब्रिस्क वॉक वजन मेंटेन करने के लिए काफी है। जो लोग ज्यादा चल-फिर नहीं सकते, वे योग जरूर करें। इससे मसल्स टेंशन कम होती है और तन व मन, दोनों रिलैक्स होते हैं। शरीर में लचीलापन भी बढ़ता है। वैसे, एक्सरसाइज का कोई भी मौका न छोड़ें। हर 5-10 मिनट के छोटे वर्कआउट के भी फायदे हैं।
डाइटः - वजन घटाने के लिए अगर 1200-1500 कैलरी तक रोजाना ले रहे हैं तो मेंटेन करने के लिए उसमें कुछ बढ़ा सकते हैं। हालांकि उम्र, बॉडी टाइप और काम के मिजाज के अनुसार हर किसी के लिए कैलरी की जरूरत अलग-अलग होती है। जैसा कि एथलीट्स और जो लोग एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें ज्यादा कैलरी की जरूरत होती है, जबकि जो लोग बैठे रहने वाला जॉब करते हैं, उन्हें कम।
- खाने में कार्बोहाड्रेड कम करें और प्रोटीन ज्यादा लें। हमारी डाइट 30-40 फीसदी कार्बोहाड्रेड, 20 फीसदी फैट और 40-50 फीसदी तक प्रोटीन हो तो बेहतर है। आम लोगों को हर किलो वजन के लिए 0.8 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती। मसलन अगर आपका वजन 70 किलो है तो 70x.8 = 56 ग्राम प्रोटीन की रोजाना जरूरत होगी। वहीं, एक्सरसाइज करने वालों को हर किलो वजन के लिए 1.2 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। रेग्युलर एक्सरसाइज करनेवाले 70 किलो वजनी शख्स को रोजाना 84 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होगी। अंडे और चिकन में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है। वेजिटेरियन लोगों के लिए सोयाबीन, दाल, तोफू और पनीर प्रोटीन के बेहतर सोर्स हैं।
- डाइटिंग बंद करते ही फौरन कुछ भी खाना न शुरू कर दें। वैसे भी डाइटिंग का मतलब भूखा रहना नहीं है, बल्कि पेट भरकर समझदारी से वे चीजें खानी हैं, जिनमें कैलरी कम हो और सेहत के लिए फायदेमंद हो। मसलन हाई फाइबर (होल ग्रेन, दालें आदि) और रसीले फल (संतरा, तरबूज, माल्टा आदि) ज्यादा खाएं। ये मेटाबॉलिजम भी बढ़ाते हैं।
- सिंपल कार्ब (आलू, अरबी, मैदा, चावल, चीकू, अंगूर, केला आदि) के बजाय कॉम्पलेक्स कार्ब (साबुत अनाज, ओट्स, दालें, चना/राजमा, ब्राउन राइस आदि) को खाने में शामिल करें। सिंपल कार्ब जल्दी शुगर में तब्दील हो जाते हैं और बॉडी में फैट और शुगर लेवल बढ़ाते हैं। कॉम्प्लेक्स कार्ब फाइबर की वजह से देर तक पेट भरे होने का अहसास कराता है।
- डाइटिंग बंद करने के बाद भी ध्यान रखें कि तीनों मील हेवी न हों। अपने एक मील यानी एक वक्त के खाने खासकर डिनर को हल्का रखें। इसमें ज्यादा सलाद और सब्जियों को शामिल करें और रोटी कम ही रखें। खाने से आधा घंटा पहले फल खाएं। खाने की शुरूआत सलाद से करें। डिनर रात 8 बजे तक कर लें और उसमें मीठा बिल्कुल न खाएं। डिनर के बाद हल्का वॉक करें या घर में ही इधर-से-उधर टहल लें। सीधे सोने न पहुंच जाएं।
- खुद को भूखा न रखें। दिन भर में छह बार थोड़ा-थोड़ा खाना बेहतर है। अगर एक बार में बहुत ज्यादा मात्रा खाएंगे तो पेट की कैपेसिटी बढ़ जाएगी और आपको ज्यादा भूख लगेगी। हालांकि हाई कैलरी खाने को कम मात्रा में खाने के बजाए लो-कैलरी फूड (संतरा, तरबूज, पपीता, चना, स्प्राउट्स आदि) को ज्यादा मात्रा में खाएं। इससे शरीर में कैलरी भी कम जाएंगी और पेट भरा होने का अहसास होने पर फालतू स्नैकिंग भी नहीं करेंगे।
- स्नैकिंग (मेन मील्स के बीच-बीच में छुट-पुट खाना) पर कंट्रोल करना जरूरी है। जो ऐसा नहीं कर पाते, वे हेल्दी स्नैक्स (फल, मुरमुरे, प्लेन पॉपकॉर्न, स्प्राउट्स, सलाद आदि) का ऑप्शन अपने पास रखें। इसके अलावा प्रॉपर खाने के बाद दांत ब्रश कर लें। मुंह फ्रेश लगेगा तो कुछ खाने का मन नहीं करेगा। इसके अलावा, खाने का टाइम तय कर लें कि कुछ भी हो, डेढ़-दो घंटे से पहले कुछ नहीं खाएंगे।
- बाहर खाने पर कंट्रोल रखें। कोशिश करें कि महीने में 2-3 बार से ज्यादा बाहर का खाना न खाएं, क्योंकि रेस्तरां के खाने में कैलरी काफी ज्यादा होती हैं। रेस्तरां में लो-कैलरी फूड के ऑप्शन पर जाएं। अगर आज पित्जा या गुलाबजामुन खाएं तो अगले दो दिन फल और सब्जियों पर ज्यादा जोर दें।
- वजन कम करने के दौरान बहुत-सी चीजों के खाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाती है, जबकि एक बार वजन कम होने के बाद हम इस पाबंदी को कुछ ढीला छोड़ सकते हैं। जिन चीजों (चावल, चीनी, मैदा, बटर, चॉकलेट आदि) के खाने पर पूरी तरह पाबंदी थी, उन्हें कभी-कभार खा सकते हैं, लेकिन लिमिट में। 70-30 का फॉर्म्युला रख सकते हैं। मसलन अगर महीने में 10 बार जंक फूड खाने का मौका आए तो 7 बार नहीं खाएं, लेकिन 3 बार खा सकते हैं।
- इसी तरह हाई कैलरी और लो कैलरी चीजों को मिक्स कर लें। मसलन चावल खाने का मन है तो थोड़ी मात्रा में चावल लें और हाथ में बिना घी लगाए एक रोटी भी खा लें। दाल और सब्जी ज्यादा लें। इससे कम कैलरी में पौष्टिक खाना खा पाएंगे।
-ग्रीन टी वजन कम करने में मददगार है। रोजाना 3-4 कप ग्रीन टी पीना जारी रखें। साथ ही ज्यादा मात्रा में तरल चीजें भी लेते रहें। दिन में 8-10 गिलास पानी के अलावा नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि रेग्युलर तौर पर लेते रहें।
- कुकिंग का तरीका बदलें। जितना हो सके, फ्राई करने के बजाय बेक करके चीजों को खाएं। इसी तरह अगर मीठा खाने का मन है तो शुगर मिलाए बिना टोंड मिल्क का बनाना या मैंगो शेक बना लें। आइसक्रीम के बजाय लो फैट की पुडिंग ले सकते हैं। समोसे के बजाय ढोकला या इडली, सॉफ्ट ड्रिंक के बजाय नीबू पानी, नारियल पानी आदि पिएं।
- टीवी देखते हुए या गपशप मारते हुए खाना न खाएं। इससे अक्सर ज्यादा मात्रा में खाना खाया जाता है।
लाइफस्टाइलः - वजन कम करने के बाद भी घर में वेइंग मशीन रखें और अपने वजन पर रेग्युलर तौर पर निगाह रखें। हर हफ्ते एक तय समय पर उन्हीं कपड़ों में वजन लें। इससे वजन के बढ़ने या स्थिर रहने का पता आसानी से लग जाएगा।
- वजन घटाना बंद करने के बाद डायरी मेंटेन करना फौरन न छोड़े। एक डायरी में अपने खानपान का हिसाब रखें। इससे आप खाने पर नजर रख पाएंगे और हाई कैलरी वाली चीजों पर कंट्रोल कर पाएंगे।
- वजन मेंटेन करने के लिए कुछ को मोटिवेट करना बहुत जरूरी है। पहले (जब आपका वजन ज्यादा था) के फोटो को बीच-बीच में देखें और खुद को शीशे में देखकर कंपेयर करें कि अब आप कितना बेहतर दिखने लगे हैं। साथ ही, हेल्थ के लिहाज से भी सोचें कि अब आप पहले के मुकाबले ज्यादा हेल्दी और स्टैमिना महसूस करते हैं। खुद को बीच-बीच में यह भी याद दिलाएं कि आपकी फैमिली और करीबियों के लिए भी आपको फिट रहना है।
- अपने रूम में कोई ऐसी जगह चुनें, जहां आपकी रोजाना निगाह जाती हो। वहां पर अपना पहले का फोटो और नया फोटो लगाकर रखें। साथ में नीचे वजन कम रखने की बात भी लिखें। इसे देखने से आपको अपना मिशन याद रहेगा।
- डेस्क पर बैठकर काम करते हैं तो हर आधे घंटे में 5 मिनट का राउंड लेकर आएं। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। लगातार एक ही पॉश्चर में बैठे रहने से बॉडी को उसकी आदत बन जाती है और मेटालिजम वीक हो जाता है। इसके अलावा इससे जोड़ों आदि की समस्या भी परेशान नहीं करेगी। याद नहीं रहता तो मोबाइल में अलार्म लगा लें, जो हर आधे में आपको याद दिलाता रहेगा।
- हर छोटी-बड़ी ऐक्टिविटी मायने रखती है। चाहे ऑफिस में पेपर मैसेंजर से मंगाना हो या घर में पानी किसी और से। पानी लाना, अलमारी लगाना, डॉग को घुमाना आदि छोटे-मोटे काम खुद करें।
- सुबह उठते ही स्ट्रेच करें। खुद को एक्टिव रखें। बच्चों के साथ ग्राउंड या पार्क में जाकर खेलें। टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करने (ऑफिस से अलग) का वक्त एक-डेढ़ घंटे से ज्यादा न रखें।
एक्सपर्ट्स पैनल डॉ. रनदीप वधावन, डायरेक्टर, बैरिएटिक सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल