जानिये क्‍या अंतर है कर्ड (दही) और योगर्ट में

 कर्ड (दही) और योगर्ट

लंबे समय से लोग इस गलतफहमी में जीते आ रहे हैं कि कर्ड यानी दही को योगर्ट भी कहा जाता है। अगर आप भी सोंचते हैं कि कर्ड और योगर्ट, दोनों एक ही खाने वाली चीज़ है और केवल इनका नाम अलग-अलग है तो, आप गलत हैं।

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कुछ लोग कहते हैं कि दही को भारत में कर्ड कहा जाता है जबकि अमेरिका में इसे योगर्ट के नाम से जाना जाता है। और अगर इसे और जटिल बनाना है तो, आपकी जानकारी के लिये बता दें कि प्रोबायोटिक योगर्ट भी मार्केट में अवेलबल है।

तो कर्ड, योगर्ट या प्रोबायोटिक... इन सब में आखिर क्‍या अंतर है? आइये इस माजरे को साफ करते हैं और जानते हैं इसकी सच्‍चाई के बारे में...

क्‍या है दही या कर्ड
अगर दही की बात करें तो इसे दूध के जीवाण्विक किण्वन के द्वारा बनाया जाता है। यानी की दूध को जमाने के लिये इसमे एसिडिक कर्डलिंग एजेंट डाला जाता है। दही बनाने के लिये दूध को 30-40°C तक उबालने के बाद ठंडा कर इसमें एक चम्‍मच दही डाली जाती है।

अब दही में लैक्टिक अम्ल जीवाणु (lactic acid bacteria) आ जाने की वजह से इसमें मौजूद बैक्‍टीरिया कुछ ही घंटों में तेजी के साथ बढ़ने लगते हैं पूरे दूध को जमा देते हैं।

दही में काफी सारा कैल्‍शियम और प्रोटीन पाया जाता है। यह उन लोगों को आसानी से हजम हो जाता है जिन्‍हें दूध आसानी से नहीं पच पाता।

क्‍या है योगर्ट 
योगर्ट को भी ठीक दही की ही तरह तैयार किया जाता है लेकिन इसे जमाने के लिये इसमें दो तरह के बैक्‍टीरिया मिलाए जाते हैं ( lactobacillus bulgaris and streptococcus thermophilus). इन दोनों बैक्‍टीरिया के मेल से योगर्ट एक मानकीकृत और समरूप आकार लेता है।

इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि योगर्ट गुणवत्‍ता में अच्‍छा है और इसमें सही मात्रा में बैक्‍टीरिया शामिल है। इसके अलावा आंतों तक अच्‍छे बैक्‍टीरिया पहुंच कर पेट को ठीक रखते हैं।

प्रोबायोटिक योगर्ट 
प्रोबायोटिक्स जिंदा सूक्ष्मजीव होते हैं जो कि उपभोक्‍ता को ढेर सारा स्‍वास्‍थ्‍य लाभ पहुंचाते हैं। जिस किसी भी खाने वाले प्रोडक्‍ट में प्रोबायोटिक्‍स मिला होता है तो, समझ जाना चाहिये कि वह गैस्ट्रिक एसिड, पित्त और अग्नाशय के रस के लिए प्रतिरोधी है और आंत में जिंदा पहुंच कर सही स्‍वास्‍थ प्रदान करेगा।