दीर्घायु प्रदान करता है शहद
प्रकृति की गोद में विविध पुष्प खिले हैं, उनके रस को मधुमक्खी अनेकों प्रयासों से प्रशोधिक करके शहद का निर्माण करती है। मानव को दीर्घायु बनाये रखने एवं उसके स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने में शहद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। शहद खाने में मीठा, मगर शरीर के लिए अतिगुणकारी होता है। यह अनेक बीमारियों में औषधि का काम भी करता है। शहद सर्दियों में शरीर को अधिक लाभ पहुँचाता है। सर्दियों में शहद का सेवन करने से अनेक रोगों से बचा जा सकता है। शहद किसी तरह पैदा नहीं किया जाता, बल्कि यह प्रकृति की देन है। मधुमक्खियां फूलों से पराग रस को चूसकर अपने छत्ते में उसे जमा करती है। शहद भरे छत्ते से शहद प्राप्त करने के लिए लोग धुआं करके मक्खियों को उड़ा देते हैं और उस छत्ते को निचोड़कर शहद प्राप्त कर लेते हैं।
शहद के गुण - शहद में विटामिन - ए,बी,सी आयरन, केल्सियम, सोडियम, फास्फोरस और आयोडिन की मात्रा सबसे अधिक रहती है। इसी कारण यह एनर्जी से भरपूर होता है।
शहद में 69 प्रतिशत ग्लूकोज तथा एक चम्मच शहद में 64 कैलोरिज होती है जबकि चीनी के एक चम्मच में 15 कैलोरिज होती है।
गुणों से भरपुर षहद
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नीबू और शहद मिलाकर पीएं, मोटापे से निजात मिलेगा।
आग से शरीर का कोई भी हिस्सा जलने पर शहद का लेप लगाने से जलन तुरंत कम हो जाती है। शहद के उपयोगी तत्वों के कारण फफोले भी नहीं पड़ते और बाद में ठीक होने पर शरीर पर जलने के निशान भी नहीं पड़ते।
शरीर में अधिक चर्बी है तो दिन में दो बार शहद का शरबत पीएँ गाजर को कद्दूकस करके थोड़ा शहद मिलाकर चबा-चबाकर खाएं।
चुटकीभर मुलहठी में शहद मिलाकर पीने से कब्ज समाप्त हो जाती है।
थकान होने पर शहद के सेवन से ताजगी आती है। जब भी थका हुआ महसूस करें, तो एक चम्मच शहद से शरीर को जरूरी एनर्जी और कैलोरी मिलती है।
शहद में दो बादाम घिसकर लेेने से काली खांसी मिटती है। गरम पानी में दिन में तीन बार शहद मिलाकर पीने से जुकाम मिटता है।
मलेरिया बुखार में एक गिलास गरम पानी में दो छोटे चम्मच शहद मिलाकर पीने से पसीना आकर बुखर उतर जाता है।
शहद विटामिनयुक्त होने के अलावा रक्त साफ करने वाला एवं त्वचा में निखार लाने वाला भी है।
प्रातः खाली पेट तुलसी के ताजे पत्तों पर शहद लगाकर खाने से रक्तचाप की बीमारी में भी लाभ होता है।
बच्चों को भोजन के साथ शहद चटाने से भोजन जल्दी पच जाता है।