योग द्वारा अपना कद बढाइये
योग द्वारा अपना कद बढाइये
एक कहावत है;"मैं छोटा नहीं हूँ। यह दुनिया बहुत बड़ी है।"
हम में से बहुत सारे व्यक्तियों ने अपना बचपन झूले पर लटकते हुए अथवा घंटों -घंटों साईकिल चलाते हुए व्यतीत किया है। केवल इसलिए कि हम अपने पितसे कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े हो सकें ,पर हम ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए। खैर यह विचार उन लोगों का है जो यह सोचते हैं की यदि हमारा कूद दो इंच बाद जाये तो हमारी जीवन शैली के बारे में हमारे और दूसरों के नज़रिये पर इसका बहुत गहरा असर होगा। एक नया अध्ययन हमें बताता है की कद का सम्बन्ध केवल शरीर से ही नहीं है अपितु इसका सीधा सम्बन्ध उच्च बौद्धिक स्तर ,नौकरी के बेहतर आयाम और जीवन के प्रति सकारात्मक सोच से भी है। ब्रिटेन में किया गया एक शोध बताता है कि माता -पिता का कूद बहुत महत्वपूर्ण होता है परन्तु अछा कद केवल अनुवांशिक ही नहीं होता ,हम क्या खाते हैं कैसे रहते हैं और क्या-क्या सोचते हैं इन सब बातों का भी बहुत महत्व होता है। चाहे हम जैसे भी रहें ,जो भी खाएं ,कद बढ़ाना कभी भी एक आसान कार्य नहीं रहा। अगर आप आधुनिक कांतिवर्धक शल्य चिकित्सा या किसी अन्य उपाय की तलाश में नहीं हैं;तब यह पुरानी पद्धति आपकी जीवन शैली बन सकती है।
आपका कद बढ़ाने के लिए योग:
प्राचीन भारत पद्धति शारीरिक विकास से सम्बंधित आपकी हर जिज्ञासा का सहज व् सरल हल है। आश्चर्य हो रहा है न? आश्चर्य चकित न हों।
योग का अर्थ होता है शरीर और मन का मिलन। यह स्वस्थ जीवन जीने का बहुत ही आसान और प्रभावपूर्ण तरीका है जो मन को शांति प्रदान करता है और शरीर को विशानुसूक्त करता है। श्वास की सहायता से ,आसनों के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों में अपना ध्यान ले जाकर इसका अभ्यास किया जाता है। यह खून कादौरा बढ़ता है,तब शरीर आसानी से वृद्धि हॉर्मोन पैदा करता है ,इस वृद्धि हॉर्मोन से ही कद बढ़ता है। एक अच्छे अंग विन्यास को प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और योग के अभ्यास के द्वारा उसे पाया जा सकता है।
श्री श्री योग पांच दिन का स्वास्थ्यवर्धक पाठ्यक्रम है जो मन अथवा मस्तिष्क में सुधार लाता है और योगासन द्वारा शरीर को पुनर्योवन प्रदान करता है यदि आप दिन में कुछ समय नियमित रूप से योग का अभ्यास करें तो आपका शारीरिक विकास हो सकता है और मन शांत हो सकता है। आइये कुछ योग आसनों को देखें जो कद बढ़ने में आपके सहायक हो सकतें हैं।
1. भुजंगासन (कोबरा पोज़)
भुजंगासन कन्धों ,छाती और पेट की माँसपेशियों में खिचाव पैदा करता है। इसके द्वारा अंग विन्यास में सुधर होता है ,जिससे कद बढ़ता है।
2. ताड़ासन (ट्री पोज़)
ताड़ासन एक ऐसा आदर्श आसन है जो रीढ़ की हड्डी को लम्बा और सीधा करता है। जो कद बढ़ाने में सहायक होता है।
3. चक्रासन (लेटकर शरीर को मोड़ना)
चक्रासन फेफड़े और छाती में खिचाव पैदा करता है और साथ ही नितम्बों ,टांगों ,पिण्डलियों ,कलाई ,बांह और रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों को मज़बूत करता है।
4. सूर्य नमस्कार (सन सेल्युटेशन)
सूर्यनमस्कार में कुछ योग के कुछ आसनों को एक क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है,जो जोड़ों और मांसपेशियों को ढीला करने में सहायता करते हैं-वह भी बहुत कम समय में। पेट के सभी अंग क्रम से खिंचते और सिकुड़ते रहते हैं। इससे अंगों का सञ्चालन सुचारू रूप से होता है। कमर पर सूर्यनमस्कार का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह एक बार पीछे और एक बार आगे झुकने की प्रक्रिया को क्रमिक रूप से अपनाता है। सूर्यनमस्कार रीड की हड्डी के लचीलेपन को भी सुधारता है जिसके फलस्वरूप प्रतिरक्षण व्यवस्था(इम्युनिटी ) में सुधार आता है।
शारीरिक विकास स्तर सब लोगों में भिन्न-भिन्न होता है और बहुत से तथ्यों पर निर्भर करता है। यद्यपि योग निश्चित रूप से आपके शरीर को अधिक लचीला बनाने में सहायता करता है और कद बढ़ाने में सहायक होता है ,फिर भी हमे अपने भोजन के पोषण पर भी ध्यान देना होगा। नियमित योग अभ्यास द्वारा हमे एक शारीरिक शक्ति व जोश को बनाये रखने में सहायक होगा।
योग एक ऐसी प्राचीन कला है जिसका नियमित अभ्यास चमत्कार कर सकता है। किसीभी अन्य अभ्यास की तरह ,योग को भी प्रशिक्षित विशेषज्ञों से ही सीखना चाहिए। श्री श्री योग कार्यशाला में प्रशिक्षित कार्यकर्ता आपको अलग-अलग आसन सीखते हैं और शरीर में उत्पन्न तनाव को कम करते हैं। एक श्री श्री योगा शिक्षक आपके शारीरिक विकास और जीवन शैली अनुरूप योग कार्यक्रम आपके लिए बना सकता है।