सावधान, 'प्लास्टिक चावल' से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा

प्रीति सोनी 
कहीं ऐसा तो नहीं कि आप जो चावल खा रहे हैं, वह नकली हो... यह नकली चावल जानलेवा है!!
 
जी हां, आप बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं। आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है, कि आप जो चावल खा रहे हैं, वह आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शि‍कार बना सकता है। हम बात कर रहे हैं, असली चावल की तरह दिखने वाले प्लास्टिक चावल की, जो बिल्कुल असली चावल की तरह ही दिखता है। और आप इसे  सामान्य चावल समझकर आसानी से खा भी सकते हैं। लेकिन सावधान रहें, क्योंकि इसे खाकर आप अपने पेट में डाल रहे हैं, प्लास्टिक... !!!
जी हां, चीन से बड़ी मात्रा में आयात होने वाला यह चावल, बाजार में उपलब्ध सामान्य चावल के साथ आपके घर तक पहुंच रहा है, और आप इसे खा भी रहे हैं। सबसे अहम बात तो यह है, कि आपके लिए यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, कि आप प्लास्टिक खा रहे हैं। क्योंकि यह चावल, असली चावल के साथ इस तरह से मिला दिया जाता है, कि आप दोनों में फर्क नहीं कर पाते। घर में जब आप चावल उबालते हैं, तो यह प्लास्टिक चावल भी बिल्कुल आम चावल की तरह गल जाता है, और स्वाद में भी इतना फर्क नहीं होता, जिसे आप महसूस कर सकें।
कहां से आया - 
सामान्य चावल की तरह दिखने वाला यह प्लास्टिक चावल, भारत में चीन से लाया जा रहा है। चीन में कई सालों से इस चावल का निर्माण हो रहा है, जो काफी समय से भारत में भी बड़ी मात्रा में निर्यात होता है। 
केवल भारत ही नहीं, बल्कि यह चावल सिंगापुर, इंडोनेशिया और वितयनाम जैसे अन्य देशों में भी अपने पैर पसार चुका है। प्रमुख रूप से इस चावल को बनाने में प्लास्टिक के साथ शकर कंद या आलू का प्रयोग होता है, जो इसे असली चावल का आकार देने में सहायक होता है। लेकिन इस सिंथेटिक चावल में प्लास्टिक की मात्रा आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालने के लिए काफी है। 

क्या है नुकसान - 
सफेद प्लास्टिक से बनने वाले इस चावल की एक कटोरी मात्रा, एक पॉलीथिन बैग के बराबर है। इस हिसाब से आप यह मानकर चलिए कि यदि आप एक कटोरी यह चावल खा रहें हैं, तो आप एक पॉलीथिन को अपने पेट में डाल रहे हैं। 
एक शोध के अनुसार प्लास्टिक के बर्तन में रखे गरम भोज्य या पेय पदार्थों के सेवन से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन इस चावल के रूप में आप पूरा का पूरा प्लास्टिक ग्रहण कर रहे हैं, जिससे कैंसर के साथ ही अन्य बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। और आपको खबर भी नहीं होती, कि आप इन बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं।