Tadasana-ताड़ासन

विधि-

सर्वप्रथम खड़े  होने की स्थिति में आयें, पैरो के बीच में कुछ फासला लेंगे आँखों को किसी बिंदु पर केंद्रित करते हुए हाथों की उंगलियों को   आपस में फाँसते हुए सिर के उपर की और शरीर की सीध में  तानेंगे।  पंजों के बल  खड़े होते हुए।कुछ सेकेंड रोकते हुए वापिस आएँगे। 5-7 बार दोहरा सकते हैं। 
साँस के साथ हाथ उपर ले जाएँगे। 
साँस निकालते हुए हाथ वापिस लाएँगे। 

सावधानी- घुटनो के दर्द में यह अभ्यास नही करेंगे। 

लाभ-

Matsyasana-मत्स्यासन

विधि-

सर्वप्रथम पद्मासन  की स्थिति में आएँगे ।अब धीरे से कोहनियों की सहायता लेते हुए पीछे पीठ के बल लेट जाएँगे ।हाथो की हथेलियों को कानो के पास ज़मीन पर रखते हुए ,गर्दन को पीछे मोरकर सिर को ज़मीन पर टिकाएँगे ,अब हाथों को वापिस लाकर दाएँ हाथ से बायें पैर का अंगूठा और बायें हाथ से दाएँ पैर का अंगूठा थाम लीजिए।

कुछ देर इसी स्थिति में रहिए 5-10 सेकेंड ।
अब धीरे से कोहनियों की सहायता से वापिस आयेंगे और पैरो को खोलते हुए ढीला कर देंगे।

 

Setubandhasana-सेतुबंधासन (Bridge Pose)

विधि-

सर्वप्रथम सीधे पीठ के बल चित लेट जाइए। हाथों को शरीर के बराबर में सटाकर रखिए। अब दोनो पैरो को घूटने से मोड़कर, साँस लेते हुए कमर के हिस्से को उपर उठाएँगे ।साँस निकालते हुए कमर को वापिस फर्श पर लाएँगे।
-अभ्यास को साँस के साथ ही दोहराएँगे।
-शुरू में 5-7 बार दोहरा सकते हैं।

लाभ-कमर दर्द में च्मत्कारिक लाभ हैं ।कमर की मासपेशियों को मजबूत कर रकसंचार तेज करता है। कमर की चर्बी को भी कम करता है।
पेट के रोगों में भी लाभप्रद है। मेरुदण्ड को लचीला बनाता है।

 

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