भारत के राज्यों की अगर बात करें तो नपुंसकता की दर तमिलनाडु राज्य में बिहार और ओडिसा से ज्यादा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तमिलनाडु में लोग कुछ ज्यादा ही काम करते हैं।
पपीते व तरबूज के छिलके गूदे की तरफ सेे हाथ-पैरों पर मलें और आधा घंटा सुखा कर पानी से धो लें। त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ेगी और त्वचा का रंग साफ रहेगा।
आलू के छिलकों और लौकी के ताजे छिलकों को चेहरे पर मलें। एक सप्ताह में ही चेहरा दमदमाने लगेगा।
भोजन में संतुलन - प्रतिदिन के हिसाब से सुबह शाम का भोजन चार्ट बनाएँ तथा एक समय में एक तरह की सब्जी व एक तरह के अनाज की रोटी का प्रयोग करें। इसके अलावा कुछ भी नहीं लेवें।
बार-बार भोजन नहीं करें - एक बार भोजन करने के बाद कम-से-कम 4 घंटे का अंतराल होना चाहिए।
प्रकृति की गोद में विविध पुष्प खिले हैं, उनके रस को मधुमक्खी अनेकों प्रयासों से प्रशोधिक करके शहद का निर्माण करती है। मानव को दीर्घायु बनाये रखने एवं उसके स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने में शहद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। शहद खाने में मीठा, मगर शरीर के लिए अतिगुणकारी होता है। यह अनेक बीमार
नीम में छुपे गुणों का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। यह जहां होता है, अपने आसपास के माहौल को शुद्ध और हमारी सेहत के अनुकूल बनाए रखता है। इसकी पत्तियां, टहनियां हमारी अनेक बीमारियों को दूर करने में दवा का काम करती हैं।
एट्रियोवंट्रिक्यूलर , पल्मोनरी और एओर्टिक वाल्व रक्त के ‘दाब होने के कारण खुलते एवं बन्द होतेहैं।
1.एट्रियम के रक्त से भरने और संकुचन के समय ए.वी.वाल्व खुले होते हैं।
दिव्य क्राइस्ट, हमारे अंदर आपकी चेतना को पुनर्जीवित करें। हम आपकी अनन्तता को अपने अंदर व अपने से बाहर जान पाने में सक्षम हो। जैसा कि स्वयंभू प्रभु पवित्रात्मा में पुर्नजीवित हैं, वैसे ही हम भी अज्ञान के मकबरे से ज्ञान के अनन्त प्रकाश में जाग्रत हों। हम आशा करते है कि हमारी आत्मा ईश्वर में जाग्रत
अगर आप अपना स्ट्रेस लेवल कम करना चाहते हैं, तो आपके लिए हंसना सबसे अच्छी थेरेपी है। हंसने से स्ट्रेस और तनाव के हार्मोन नॉर्मल लेवल पर आ जाते है। स्ट्रेस दूर होने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है। हंसना दिल और दिमाग के लिए ही अच्छा नहीं, बल्कि मशल्स के लिए भी अच्छा है। जब आप हसंते हैं तो पेट की
दही स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जो दूध की अपेक्षा दही में अधिक पाए जाते हैं। प्रोटीन, लैंक्टोज, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस आदि कई विटामिन्स होते हैं इसलिए दही को अधिक पोषक माना जाता है। जिन लोगों को दूध न भाता हो उनके लिए दही एक बेहतर विकल्प है। इससे